My Poetry : मृत्यु रचना-ईश्वर स्वयं हमसे मिलने को आतुर हो Dr. Neeru Jain

 Poetry

जीवन की सार्थकता तब होगी
जब मृत्यु भी इक संगीत
की तरह बजेगी......
फूलों की एक बारिश होगी
हवाएं भी गुनगुनाएगी....
सितारों सी रोशनी बिखरेगी
चांदनी खुद नहलाने आयेगी......
बारिश की बूंदे रंग ओर निखराएगी
पहली किरण आके सुनहरी लिबास पहनाएगी
नेकियां देह पे जेवर सी दमकेगी.......
जमीं से आसमां तक होंगे
चन्दन की खुशबू सरोबर
और
परियां हाथ पकड़ ले जाएंगी.....
ईश्वर स्वयं हमसे मिलने को आतुर हो
वही खूब इक मृत्यु रचना होगी........
Dr. Neeru Jain
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